कभी दुख मे कभी खुशी मे आते है आन्सू,
>> Sunday, June 18, 2006
कभी दुख मे कभी खुशी मे आते है आन्सू,
न जाने बर - बर आ कर क्योन रुलते है आन्सु,
जब याद आति है बेवफ़ै तेरि याद, आते है आन्सु,
जब याद आत है मेर प्यर, आते है आन्सु,
जब सोच्त हून, क्योन आते आते है आन्सु, सोच्कर,
याद मेइन तेरि फिर आते है आन्सु.
जब आयिने मेइन तेरि तस्विर नज़र आति है,
आते हैन आन्सू.
जब लिख्त हून पेगम कोइ,
पेगम वोह पद, आते है आन्सु.
खुश हून उस्कि खुशि पर आज,
खुश हून के आज वोह खुश है,
मगर ना जाने इस खुशि पर,
आज फिर क्योन आते है आन्सू.
यूह हि चले आते है आन्सू,
न जने किस किस कि याद दिलते है आन्सु,
मत आयो आज, एह आन्सू,
आज मैन कुश हून बहुत,
एह "गौरव", रुक जयो आन्सू,
दर्त हून देख मेरे आन्सू,
इस खुशि मेइन, कहि निकल ना आये,
उस्के भि आन्सू
गौरव