जिन्दगी अधूरी लगती है.......

>> Sunday, March 26, 2006

जिन्दगी अधूरी लगती है
यह दुनिया, नदिया, झीले, तेरे बिन,
अधूरी लगती है.

बीतते है लम्हे, जब तेरे बिन,
जिन्दगी अधूरी लगती है.

बेह्ता है झरना जब सर-सराहट से,
आवाज उसकी अधूरी लगती है.

लिखता हू जब अपनी कहानी,
लिखावट मेरी अधूरी लगती है.

देखत हू जब चान्द को,
चान्दनी उसकी अधूरी लगती है.

देखत हू जब आईना,
सूरत अपनी अधूरी लगती है.

अब तो आ जा, सब कुच्छ पाकर भी,
यह जिन्दगी बिन तेरे अधूरी लगती है.

गौरव

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याद आएगी हमारी....

याद आएगी हमारी.
होगा जब तू अकेला, याद आएगी हमारी.
पास होगी, जब भी तस्वीर मेरी तेरे,याद आएगी हमारी.
निकलोगी जब सर्द रातो मे,याद आएगी हमारी.
जब डरने लगोगी अन्धेरो से, याद आएगी हमारी.
जब मिलोगी किसी अजनबी से, याद आएगी हमारी.
जब किसी दोस्त से जाफ़ा पायोगी,याद आएगी हमारी.
जब मिलेगी मौत की खबर हमरी, याद आएगी हमारी.
अफ़सोस! तब सिर्फ़, पास तुम्हारे होगी याद हमरी.
गौरव

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वोह प्यारी सी, हिचकोले खाते आई थी पास मेरे

>> Wednesday, March 22, 2006

वोह प्यारी सी, हिचकोले खाते आई थी पास मेरे,
कहा था फिर कान मे मेरे कुछ उसने.

जब चली थी शीत, सन्ग वोह भी तो मुस्काई थी
वोह प्यारी सी, हिचकोले खाते आई थी पास मेरे,

जब आये थे तूफ़ान मेरे जीवान मे, वो भी तो जरा सुस्ताई थी
वोह प्यारी सी, हिचकोले खाते आई थी पास मेरे,

जब आया था दौर गमौ का, गमगीन सूरत उसकी भी पाई थी,
वोह प्यारी सी, हिचकोले खाते आई थी पास मेरे,

आज जब तक रहा हू उसकी राह मै, कहा है वो, जो कभी
प्यारी सी, हिचकोले खाते आई थी......

गौरव

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तेरी याद आती है.

तेरी याद आती है.

आज भी जब खामोश फ़िज़ा कुच्छ कैह्ती है,
तेरी याद आती है.

जब कभी देख्त हू आईना,
तेरी याद आती है.

झब निकलता है सुर्य,
तेरी याद आती है.

झब सोचता हू, प्यार,
तेरी याद आती है.

आज जब सोने [मरने] जा रहा हू,
तेरी याद आती है.

कहा है तू किया था तूने "लेना आखरी दम मेरी गोद मे"
कहा है तू,
तेरी याद आती है.

आ भी जा 'शवेता'
तेरी याद आती है.
गोरव अरोरा

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