वोह प्यारी सी, हिचकोले खाते आई थी पास मेरे

>> Wednesday, March 22, 2006

वोह प्यारी सी, हिचकोले खाते आई थी पास मेरे,
कहा था फिर कान मे मेरे कुछ उसने.

जब चली थी शीत, सन्ग वोह भी तो मुस्काई थी
वोह प्यारी सी, हिचकोले खाते आई थी पास मेरे,

जब आये थे तूफ़ान मेरे जीवान मे, वो भी तो जरा सुस्ताई थी
वोह प्यारी सी, हिचकोले खाते आई थी पास मेरे,

जब आया था दौर गमौ का, गमगीन सूरत उसकी भी पाई थी,
वोह प्यारी सी, हिचकोले खाते आई थी पास मेरे,

आज जब तक रहा हू उसकी राह मै, कहा है वो, जो कभी
प्यारी सी, हिचकोले खाते आई थी......

गौरव

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