>> Saturday, December 02, 2006

दिल के दर्द को दिल में, छुपाने का मज़ा कुछ और ही है.
रोती आखो के साथ, खिल-खिलाने का मज़ा कुछ और है.

जितने भी फ़ूल थे दामन में, उनकी राहो में बिछा दिये हमने,
अब बचे हुये कान्टों पे नन्गे पान्व चलने का मज़ा हि कुछ और है.

वो तो छोड गये टूटे सपनो के साथ अकेला मुझको,
अब झूठे वादो की इस चुभन के साथ, हर पल टूटने का मज़ा कुछ और ही है.

जीने की ख्वाहिश तो उनके साथ ही छूत गयी
जीने की ख्वाहिश तो उनके साथ ही छूत गयी
जीने की ख्वाहिश तो उनके साथ ही छूत गयी
अब अपने अपनो को देख के जीते है.

सच्च मानो दोस्त,गम तो मिलते ही रहेंगे राहो में,
पर अपनो की खुशी के लिये, मुस्कुराने का मज़ा ही कुछ और है
from : Suman

0 comments:

  © Blogger templates Shiny by Ourblogtemplates.com 2008

Back to TOP